Some interesting information in scientist Newton life.
In the event- 1 one day Newton noticed that the school principal's brother-in-law was often delayed to come to school. Suddenly, in his head came to worry about. At that moment Newton said, sir, sir, you can create a clock for you, which can come to school at the right time. But how did Newton made the clock? The clock that he created was the water pot. Every day certain droplets drops fell on the clockwise. As a result, the clock would move forward at his speed. Thus, the time was calculated. How are you, fun! Events - 2 incidents of one night. Newton invited the friend that night. But he forgot at all. In order to solve a complex problem of mathematics, he drowned in deep buried. The friend came in time and noticed it. As a result, waiting for him to sit quietly. After quite a while, the meal came. Only one's meal The friend thought that this meal was brought for that. The friend was silent without disturbing Newton. After some time, after finishing the solution of mathematics and looked at the friend, he was very surprised. Now his notion was that he had forgotten a friend to invite him. To be able to look at the foodless plate, he said, 'Lucky you came. Otherwise, I could not understand that I still did not eat '. This was the funny stem of self-help Newton. In the event-3 scientists and saints sometimes have emotions in such a way that forgets everything at the moment of purging. Likewise, Newton was drowning in a new scientific thought. One more event A man came to his house and asked a prism (three roots), how much could it be. That person came to Newton for sale this prism. At that time Newton considered the scientific importance of Prism, he said, it is possible to determine its actual value. As a result, the man wanted more prices. Newton bought the prism in that price. You will be surprised to know that he was later invented from this prism, theology of Color (Theory of Color)
Hindi Translation:-
हादसा -1 एक दिन न्यूटन ने देखा कि स्कूल के प्रिंसिपल का साला अक्सर स्कूल के लिए लेट हो जाता था। सोचते हुए अचानक उसके होश उड़ गए। उस समय न्यूटन ने कहा, "सर, मैं आपके लिए एक घड़ी बना रहा हूं जिसके साथ आप समय पर स्कूल आ सकते हैं।" लेकिन न्यूटन ने घड़ी कैसे बनाई? उसने जो घड़ी बनाई, उसमें पानी का एक घड़ा था। हर दिन पानी की एक निश्चित बूंद घड़ी पर गिरती थी। नतीजतन, घड़ी के हाथ अपनी गति से आगे बढ़े। इस प्रकार समय की गणना की गई। कैसे, मजाकिया नहीं!
हादसा -2 एक रात की घटना। न्यूटन ने उस रात अपने एक दोस्त को आमंत्रित किया। लेकिन वह पूरी तरह से भूल गया। वह गणित में एक जटिल समस्या को हल करने में गहराई से डूब गया था। दोस्त ने समय पर आकर देखा। नतीजतन, वह चुपचाप उसका इंतजार करती रही। थोड़ी देर बाद खाना आ गया। सिर्फ एक भोजन। दोस्त ने सोचा कि यह भोजन उसके लिए लाया गया था। दोस्त ने न्यूटन को परेशान किए बिना चुपचाप खाना खाया। थोड़ी देर के बाद, गणित के हल को खत्म करने के बाद, उसने अपने दोस्त को देखा और सुखद आश्चर्य हुआ। इस बार उसने देखा कि वह अपने दोस्त को आमंत्रित करना भूल गया था। जैसे ही उसने बिना भोजन के थाली देखी, उसने अपने मित्र से कहा, at सौभाग्य से तुम आ गए। वरना मुझे एहसास नहीं होता कि मैंने अभी तक खाना नहीं खाया है। यह आत्म-अवशोषित न्यूटन की मज़ेदार कहानी थी।
तथ्य -3 वैज्ञानिक और भक्त कभी-कभी आत्म-अवशोषण में इतने तल्लीन हो जाते हैं कि वे उस खोज के क्षण में सब कुछ भूल जाते हैं। इस प्रकार न्यूटन एक नए वैज्ञानिक विचार में डूब गया। एक और दिन की घटना। एक आदमी उसके घर आया और उसे एक प्रिज्म (त्रिकोणीय ग्लास) दिखाया और पूछा कि यह कितना खर्च हो सकता है। वह आदमी इस प्रिज्म को बेचने न्यूटन आया था। इस बिंदु पर, न्यूटन ने प्रिज्म के वैज्ञानिक महत्व पर विचार करते हुए कहा कि यह उसके वास्तविक मूल्य को निर्धारित करने की शक्ति से परे था। नतीजतन, आदमी ने और अधिक की मांग की। न्यूटन ने उस कीमत पर प्रिज्म खरीदा। आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने बाद में इस प्रिज्म से रंग के सिद्धांत को विकसित किया।
Bengali Translation:-
ঘটনা- ১ একদিন নিউটন লক্ষ্য করলেন, স্কুলের অধ্যক্ষের শ্যালক প্রায়ই স্কুলে আসতে দেরি করতেন। চিন্তা করতে করতে হঠাৎ তাঁর মাথায় বুদ্ধি আসলো। সেই মুহূর্তে নিউটন বলে ওঠলেন, স্যার আপনার জন্য একটা ঘড়ি তৈরি করে দিচ্ছি যা দিয়ে ঠিক সময়ে স্কুলে আসতে পারবেন। কিন্তু নিউটন ঘড়িটা তৈরি করলেন কিভাবে? তিনি যে ঘড়িটা তৈরি করলেন সেই ঘড়ির উপরে থাকতো পানির পাত্র। প্রতিদিন নির্দিষ্ট ফোঁটা ফোঁটা পানি ঘড়ির কাঁটার উপরে পড়ত। এর ফলে ঘড়ির কাঁটা আপন গতিতে এগিয়ে চলতো সামনের দিকে। এভাবে সময় গণনা করা হতো। কেমন, মজার না!
ঘটনা- ২ এক রাতের ঘটনা। নিউটন বন্ধুকে সেই রাতে দাওয়াত করেছিলেন। অথচ তিনি একদম ভুলে গিয়েছিলেন। গণিতের এক জটিল সমস্যা সমাধানে তিনি গভীর মগ্নতায় ডুবে ছিলেন। বন্ধুটি যথাসময়ে এসে তা লক্ষ্য করলেন। ফলে চুপচাপ বসে রইলেন তাঁর অপেক্ষায়। বেশ কিছুক্ষণ পর খাবার এলো। শুধু একজনের খাবার। বন্ধুটি মনে করলেন, তার জন্যই এ খাবার আনা হয়েছে। বন্ধুটি নিউটনকে বিরক্ত না করে চুপচাপ খাবার খেয়ে ফেললেন। এর কিছুক্ষণ পর গণিতের সমাধান শেষ করে বন্ধুর দিকে তাকিয়ে তো রীতিমত অবাক। এবার তাঁর খেয়াল হলো, বন্ধুকে দাওয়াত করার কথা ভুলেই গিয়েছিলেন। খাবারবিহীন প্লেটের দিকে নজর পড়তেই বন্ধুকে বললেন, ‘ভাগ্যিস তুমি এসেছো। নইলে তো বুঝতেই পারতাম না যে আমি এখনো খাইনি’। এই ছিলো আত্মভোলা নিউটনের মজার কান্ড।
ঘটনা-৩ বিজ্ঞানী ও সাধকগণ কখনো কখনো এমন আত্মমগ্নতায় বিভোর হন যেনো সবকিছুই ভুলে যান সেই সাধনার মুহূর্তে। এমনিভাবে নিউটন কোন নতুন বৈজ্ঞানিক ভাবনায় ডুবে থাকতেন। আরও একদিনের ঘটনা। একজন লোক তাঁর বাড়িতে এসে একটা প্রিজম (তিনকোণা কাঁচ) দেখিয়ে জিজ্ঞেস করলেন, এর দাম কত হতে পারে। সেই ব্যক্তি নিউটনের কাছে এই প্রিজমটি বিক্রির জন্যই এসেছিল। এ সময় নিউটন প্রিজমের বৈজ্ঞানিক গুরুত্বের কথা বিবেচনা করে বললেন, এর প্রকৃত মূল্য নির্ণয় করা তাঁর সাধ্যের বাইরে। ফলে লোকটি বেশি দাম চাইল। নিউটন সেই দামেই প্রিজমটি কিনে ফেললেন। তোমরা জেনে অবাক হবে, পরবর্তীকালে এই প্রিজম থেকে তিনি উদ্ভাবন করেন বর্ণতত্ত্ব (The theory of color)
Odia Translation:-
ଘଟଣା -1 ଦିନେ ନ୍ୟୁଟନ୍ ଦେଖିଲେ ଯେ ବିଦ୍ୟାଳୟର ପ୍ରଧାନଶିକ୍ଷକଙ୍କ ଭାଉଜ ପ୍ରାୟତ school ବିଦ୍ୟାଳୟ ପାଇଁ ବିଳମ୍ବ କରନ୍ତି | ଚିନ୍ତା କଲାବେଳେ ହଠାତ୍ ସେ ମନକୁ ଆସିଲା | ସେହି ସମୟରେ ନ୍ୟୁଟନ୍ କହିଲା, ସାର୍, ମୁଁ ଆପଣଙ୍କ ପାଇଁ ଏକ ଘଣ୍ଟା ପ୍ରସ୍ତୁତ କରୁଛି ଯାହା ସହିତ ଆପଣ ଠିକ୍ ସମୟରେ ବିଦ୍ୟାଳୟକୁ ଆସିପାରିବେ | କିନ୍ତୁ ନ୍ୟୁଟନ୍ କିପରି ଘଣ୍ଟା ତିଆରି କଲା? ସେ ତିଆରି କରିଥିବା ଘଣ୍ଟା ଉପରେ ଏକ ହାଣ୍ଡି ପାଣି ଥିଲା। ପ୍ରତିଦିନ ଘଣ୍ଟା ଉପରେ ଏକ ନିର୍ଦ୍ଦିଷ୍ଟ ବୁନ୍ଦା ପାଣି ପଡିଲା | ଫଳସ୍ୱରୂପ, ଘଣ୍ଟାର ହାତ ନିଜ ବେଗରେ ଆଗକୁ ବ .ିଲା | ଏହିପରି ସମୟ ଗଣନା କରାଯାଇଥିଲା | କେମିତି, ମଜାଳିଆ ନୁହେଁ!
ଘଟଣା -2 ଗୋଟିଏ ରାତିର ଘଟଣା | ସେହି ଦିନ ରାତିରେ ନ୍ୟୁଟନ୍ ଜଣେ ବନ୍ଧୁଙ୍କୁ ନିମନ୍ତ୍ରଣ କରିଥିଲେ | କିନ୍ତୁ ସେ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଭୁଲିଗଲେ। ଗଣିତରେ ଏକ ଜଟିଳ ସମସ୍ୟାର ସମାଧାନ ପାଇଁ ସେ ଗଭୀର ଭାବରେ ବୁଡି ରହିଥିଲେ | ସାଙ୍ଗ ଠିକ୍ ସମୟରେ ଆସି ଏହାକୁ ଦେଖିଲେ | ଫଳସ୍ୱରୂପ, ସେ ଚୁପଚାପ୍ ତାଙ୍କୁ ଅପେକ୍ଷା କରି ବସିଥିଲେ। କିଛି ସମୟ ପରେ ଖାଦ୍ୟ ଆସିଲା | କେବଳ ଗୋଟିଏ ଭୋଜନ | ବନ୍ଧୁ ଭାବିଲେ ଏହି ଖାଦ୍ୟ ତାଙ୍କ ପାଇଁ ଅଣାଯାଇଛି | ବନ୍ଧୁ ନିଉଟନ୍ଙ୍କୁ ବିଚଳିତ ନକରି ଚୁପଚାପ୍ ଖାଦ୍ୟ ଖାଇଲେ | କିଛି ସମୟ ପରେ, ଗଣିତ ସମାଧାନ ଶେଷ କରିବା ପରେ, ସେ ନିଜ ସାଙ୍ଗକୁ ଦେଖିଲେ ଏବଂ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ହୋଇଗଲେ | ଏଥର ସେ ଦେଖିଲେ ଯେ ସେ ନିଜ ସାଙ୍ଗକୁ ନିମନ୍ତ୍ରଣ କରିବାକୁ ଭୁଲି ଯାଇଛନ୍ତି | ଖାଦ୍ୟ ବିନା ପ୍ଲେଟକୁ ଦେଖିବା ମାତ୍ରେ ସେ ନିଜ ବନ୍ଧୁଙ୍କୁ କହିଲେ, ‘ସ uck ଭାଗ୍ୟବଶତ you ଆପଣ ଆସିଛନ୍ତି। ନଚେତ୍ ମୁଁ ଅନୁଭବ କରି ନ ଥା'ନ୍ତି ଯେ ମୁଁ ଏପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଖାଇ ନାହିଁ | ଏହା ଆତ୍ମ-ଅବଶୋଷିତ ନ୍ୟୁଟନ୍ ର ମଜାଳିଆ କାହାଣୀ |
ଫ୍ୟାକ୍ଟ -3 ବ Scient ଜ୍ଞାନିକ ଏବଂ ଭକ୍ତମାନେ ବେଳେବେଳେ ଆତ୍ମ-ଅବଶୋଷଣରେ ଏତେ ବ୍ୟସ୍ତ ରୁହନ୍ତି ଯେ ସେହି ଅନୁସରଣର ମୁହୂର୍ତ୍ତରେ ସେମାନେ ସବୁକିଛି ଭୁଲିଯାଆନ୍ତି | ଏହିପରି ନ୍ୟୁଟନ୍ ଏକ ନୂତନ ବ scientific ଜ୍ଞାନିକ ଚିନ୍ତାଧାରାରେ ବୁଡ଼ିଗଲେ | ଆଉ ଗୋଟିଏ ଦିନର ଇଭେଣ୍ଟ | ଜଣେ ବ୍ୟକ୍ତି ତାଙ୍କ ଘରକୁ ଆସି ତାଙ୍କୁ ଏକ ପ୍ରିଜିମ୍ (ତ୍ରିକୋଣୀୟ ଗ୍ଲାସ୍) ଦେଖାଇଲେ ଏବଂ ଏହାର ମୂଲ୍ୟ କେତେ ହୋଇପାରେ ବୋଲି ପଚାରିଥିଲେ | ସେହି ବ୍ୟକ୍ତି ଏହି ପ୍ରିଜିମ୍ ବିକ୍ରୟ କରିବାକୁ ନ୍ୟୁଟନ୍ ଆସିଥିଲେ | ଏହି ସମୟରେ ନ୍ୟୁଟନ୍, ପ୍ରିଜିମର ବ scientific ଜ୍ଞାନିକ ଗୁରୁତ୍ୱକୁ ବିଚାର କରି କହିଥିଲେ ଯେ ଏହାର ପ୍ରକୃତ ମୂଲ୍ୟ ନିର୍ଣ୍ଣୟ କରିବା ତାଙ୍କ ଶକ୍ତି ବାହାରେ। ଫଳସ୍ୱରୂପ, ବ୍ୟକ୍ତି ଜଣକ ଅଧିକ ଦାବି କରିଥିଲେ। ନ୍ୟୁଟନ୍ ସେହି ମୂଲ୍ୟରେ ପ୍ରିଜିମ୍ କିଣିଥିଲେ | ଆପଣ ଜାଣି ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ହେବେ ଯେ ସେ ପରେ ଏହି ପ୍ରିଜିମରୁ ରଙ୍ଗର ସିଦ୍ଧାନ୍ତ ବିକଶିତ କରିଥିଲେ |
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